नेटवर्क:- कंप्यूटर प्रणाली और अन्य उपकरणों को एक साथ संयोजित करना "नेटवर्क" कहलाता है l इस प्रकार आपस में जुड़े दो या दो से अधिक कंप्यूटरों द्वारा आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान "नेटवर्किंग कहलाता है "l. वर्ल्ड वाइड वेब:- यह एक प्रकार का नेटवर्किंग ही हैैै इसके माध्यम से हम नेट को संचालित करतेे हैं एक प्रकार से कि भी व्यक्ति् अथवाा संस्थl केेे पता को वर्ल्ड वाइड वेब से जोड़़क दुनिया में कहीं भी भेज सकते हैंैं और प्राप्त भी कर सकते हैंंं . उदाहरण केेे लिए सीएस डॉट नेट एक पता है इंटरनेट की भाषा में यह एक साइट हुआ जहां कंपटीशन ,सक्सेस, रिव्यू से संबंधित बातों की जानकारी मिलती है, यदि इसमें डब्लूूू डब्लू डब्लू लगाकर टाइप करें तो दुनििया में कहींंं भी यह खुल सकता है l. 15 अगस्त 1996 को भारत में इंटरनेट सेवा की शुरुआत हुई इस काम को करने का दायित्व संचार निगम को दियाा गय, शुरू में दिल्ली मुंबई कोलकाता और चेन्नई को इंटरनेट सेेे जोड़ा गया, लंबे समय तक इस सेवाााा पर इसका एकाधिकार रहा| ब्राउज़र:-. सामान्य बोलचाल की भाषा में ब्राउज़र एक ऐसा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हैै, जो हमारे कंप्यूटर को इंटरनेटरनेट से जोड़ने में मदद करता है, आप ब्राउज़र के बगैर इंटरनेट से चित्र, टेक्स्टट, संगीत, ग्राफिक्स नेटस्कैप, नेविगेटरआदि की अल्पना नहीं कर सकते // इंटरनेट एक्सप्लोरर:- क्रनेटस्कैप व माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बनाए गए वेब ब्राउज़र हैं, 1995 के मध्य एक ऐसा बदलाव आया जिसने सारी दुनिया में एक बार फिर से तहलका मचा दिया, लंबे प्रयास के बाद सन माइक्रोसिस्टम नामक कंपनी ने जावा नामक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का विकास किया, इससे प्रोग्राम ब्राउज़र से चलाया जा सकता है, और इंटरनेट में एनिमेशन और प्रोग्रामों को भी ब्राउज़र से अपनी मशीन पर चलाया जा सकता है, इसके बाद सेेेेे इंटरनेट पर प्रोग्रामिंग करना आसान हुआ l. वेब सर्वर:- वर्ल्ड वाइड वेब पहला विश्वव्यापी क्लाइंट सर्वर अनुप्रयोग है, अपने सबसे सरल रूप में वेब सर्वर ग्राहकों के नाम लेकर मांगने पर दस्तावेजों को उन्हे लौटा देता है, क्लाइंट और सर्वर http नामक RPC जैसे प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करते हुए आपस में संवाद बनाते हैं, प्रोटोकॉल कमांड के एक साधारण समूह की परिभाषा करता है, कसौटी यों को स्ट्रिंग के रूप मेंंं आगे बढ़ाया जाता है, जिसमें टाइप किए आंकड़ोंं के लिए कोई गुंजाइश नहीं होती है, जब नेटवर्किंग का जिक्र होता है होता है तो सभी लोग यह समझते हैं कि नेटवर्किंग के लिए इथरनेटकार्ड की जरूरत होगी , केबिल चाहिए होगी, और हो सकता है कि hub की आवश्यकता भी होता hogi.पर अब ऐसा नहीं है अब सबकुछ पलक झपकते हो जाता है | इस लेख में नेटवर्किंग सम्बन्धी कुछ बाते बताई गई हैं अगर आपको जानकारी अच्छी लगी तो कमेंट करें धन्यवाद |
Comments