रेल या ट्रेन को हिंदी में लोह पथ गामिनी कहते हैं यह यातायात का साधन है और इसका इस्तेमाल या तो सामान या फिर यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए किया जाता है l. भारत की पहली ट्रेन की शुरुआत कब की गई? भारत की पहली ट्रेन की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 में की गई थी | भारत की पहली ट्रेन सबसे पहले मुंबई से थाने के बीच चलाई गई थी इस ट्रेन में कुल 33.81(34) किलोमीटर की दूरी तय की थी, उस ट्रेन का नाम ब्लैक ब्यूटी था, उसमें कुल 14 डिब्बे थे ,400 यात्री थे, यह भाप के इंजन द्वारा चलाई जाती थी, पूर्वी भारत में पहली ट्रेन वर्ष 1854 में हावड़ा से हुगली के मध्य चलाई गई थी, उत्तर भारत में 1859 में कानपुर से इलाहाबाद के बीच पहली ट्रेन चलाने की शुरुआत कर दी गई थी ,भारत की पहली विद्युत ट्रेन 1925 में मुंबई वीटी से कुर्ला के मध्य चलाई गई थी, भारत की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1950 में भारतीय रेलवे का राष्ट्रीयकरण का भी आयोजन किया गया था l भारत में रेलवेेे स्टेशनन:-भारतीय रेलवे में कुल 7000 और 8,500 के बीच अनुमानित रेल रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया गयाा है ,यह भारत के लोगों को रोजगार प्रदान करने वाला विश्व का चौथा सबसे बड़ा नियोक्ता है | इनसे प्रतिदिन लगभग दो करोड़ यात्री यात्रा करते हैं | दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क कहां का है? अमेरिका का रेल नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। इसकी कुल लंबाई 2,50,000 किलोमीटर है। इसमें से यात्रियों के लिए सिर्फ 35,000 किलोमीटर हिस्सा यात्रियों के लिए बाकी का करीब 80 फीसदी हिस्सा फ्रेट लाइनों का है। यहां पर फ्रेट रेल में करीब 538 रेलरोड हैं, जिनमें 7 क्लास-1, 21 रीजनल और 510 लोकल रेलरोड हैं। भारतीय रेलवे को जोन में विभाजित किया गया है और इन जोन को डिवीजन में विभाजित किया गया है. प्रत्येक जोन का एक डिवीजनल मुख्यालय होता है. प्रत्येक डिवीजनों का नेतृत्व एक डिवीजनल रेलवे प्रबंधक (DRM) करता है, जो क्षेत्र के महाप्रबंधक (GM) को रिपोर्ट करता है. भारतीय रेलवे में कुल 17 जोन और 73 डिवीजन हैं |
भारत में कुल 18 रेलवे जोन है, जो इस प्रकार है-
1.
उत्तर रेलवे
2.
उत्तर पूर्वी रेलवे या पूर्वोत्तर रेलवे
3.
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे
4.
पूर्व रेलवे
5.
दक्षिण पूर्वी रेलवे
6.
दक्षिण मध्य रेलवे
7.
दक्षिण रेलवे
8.
मध्य रेलवे
9.
पश्चिम रेलवे
10.
दक्षिण पश्चिम रेलवे
11.
उत्तर पश्चिम रेलवे
12.
पश्चिम मध्य रेलवे
13.
उत्तर मध्य रेलवे
14.
दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे
15.
पूर्व तटीय रेलवे
16.
पूर्वमध्य रेलवे
17.
कोलकाता मेट्रो रेलवे 18.कोंकड़ रेलवे
भारतीय रेलवे में कुल 73 मंडल हैं, जो इस प्रकार है-
क्र०सं० |
जोन |
मंडल |
1. |
उत्तर रेलवे |
दिल्ली अंबाला फिरोजपुर लखनऊ एनआर मुरादाबाद |
2. |
उत्तर पूर्वी रेलवे या पूर्वोत्तर रेलवे |
इज्जत नगर लखनऊ वाराणसी |
3. |
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे |
अलीपुर द्वार कटिहार लामडिंग रंगिया तिनसुकिया |
4. |
पूर्व रेलवे |
हावड़ा सियालदाह आसनसोल मालदा |
5. |
दक्षिण पूर्वी रेलवे |
आद्रा चक्रधरपुर खड़गपुर राँची |
6. |
दक्षिण मध्य रेलवे |
सिकंदराबाद हैदराबाद गुंटकल गुंटूर नांदेड़
विजयवाड़ा |
7. |
दक्षिण रेलवे |
चेन्नई मदुरै पालघाट तिरुचुरापल्ली
त्रिवेंद्रम |
8. |
मध्य रेलवे |
मुंबई भुसावल पुणे शोलापुर नागपुर |
9. |
पश्चिम रेलवे |
मुंबई सेंट्रल वड़ोदरा रतलाम अहमदाबाद राजकोट
भावनगर |
10. |
दक्षिण पश्चिम रेलवे |
हुबली बैंगलोर मैसूर |
11. |
उत्तर पश्चिम रेलवे |
जयपुर अजमेर बीकानेर जोधपुर |
12. |
पश्चिम मध्य रेलवे |
जबलपुर भोपाल कोटा |
13. |
उत्तर मध्य रेलवे |
प्रयागराज (इलाहाबाद) आगरा झांसी |
14. |
दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे |
बिलासपुर रायपुर नागपुर |
15. |
पूर्व तटीय रेलवे |
खुर्दा रोड संबलपुर विशाखापत्तनम |
16. |
पूर्वमध्य रेलवे |
दानापुर धनबाद दीनदयाल उपाध्याय समस्तीपुर
सोनपुर |
17. |
कोलकाता मेट्रो रेलवे |
कोलकाता |
·
गतिमान
एक्सप्रेस – दिल्ली
से आगरा के बीच 160 किमी
प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलने वाली रेल है। ये रेल हजरत निजामुद्दीन से आगरा की
188 किमी
दूरी मात्र 100 मिनट
में तय कर लेती है|
·
राजधानी
एक्सप्रेस – ये
रेलगाड़ी भारत के मुख्य शहरों को सीधे राजधानी दिल्ली से जोडती हुयी एक
वातानुकूलित रेल है इसलिए इसे राजधानी एक्सप्रेस कहते है| ये भारत की सबसे तेज रेलगाड़ियो में
शामिल है जो लगभग 130-140 किमी
प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकती है| इसकी शुरुआत 1969 में हुयी थी|
·
शताब्दी
एक्सप्रेस – शताब्दी
रेल वातानुकूलित इंटरसिटी रेल है जो केवल दिन में चलती है| भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस भारत की सबसे
तेज रेलों में से एक है जो दिल्ली से भोपाल के बीच चलती है| ये रेलगाड़ी 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुच
सकती है| इसकी
शुरुवात 1988 में
हुयी थी|
·
दुरन्त
एक्सप्रेस – 2009 में में शुरू हुयी यह रेल सेवा एक नॉन स्टॉप रेल है जो भारत के
मेट्रो शहरों और राज्यों की राजधानियों को आपस में जोडती है| इस रेल की रफ्तार लगभग राजधानी
एक्सप्रेस के बराबर है|
·
तेजस
एक्सप्रेस – ये
भी शताब्दी एक्सप्रेस की तरह पूर्ण वातानुकूलित रेलगाड़ी है लेकिन शताब्दी
एक्सप्रेस से हटकर इसमें स्लीपर कोच भी है जो लम्बी दूरी के लिए काम आती है|
·
उदय
एक्सप्रेस – दो
मंजिला , पूर्ण
वातानुकूलित ,उच्च
प्राथमिकता , सिमीत
स्टॉप , रात्रि
यात्रा के लिए अच्छी है|
·
जनशताब्दी
एक्सप्रेस – शताब्दी
एक्सप्रेस की सस्ती किस्म , गति 130 किमी प्रति घंटा , AC और Non-AC दोनों है|
·
गरीब
रथ एक्सप्रेस – वातानुकूलित, गति अधिकतम 130 किमी प्रति घंटा, साधारण कोच से लेकर 3 टियर इकॉनमी बर्थ है|
·
हमसफर
एक्सप्रेस – पूर्ण
वातानुकूलित 3 टियर AC कोच रेलगाड़ी
·
संपर्क क्रांति एक्स्प्रेस – राजधानी दिल्ली से जोडती सुपर
एक्सप्रेस रेलगाड़ी|
·
युवा
एक्सप्रेस – 60 प्रतिशत
से ज्यादा सीट 18-45 साल
के यात्रियों के लिए रिज़र्व है|
·
कवि
गुरु एक्सप्रेस – रविन्द्रनाथ
टैगोर के सम्मान में शुरू रेलगाड़ी है|
· विवेक एक्सप्रेस – स्वामी विवेकानंद की 150वी वर्षगांठ पर 2013 में शुरू है|भारत की सबसे लंबी दुरि तय करनेवाली ट्रेन है l
·
राज्य
रानी एक्सप्रेस – राज्यों
की राजधानियों को महत्वपूर्ण शहरों से जोड़ती रेलगाड़ी है|
·
महामना
एक्सप्रेस – आधुनिक
सुविधाओं युक्त रेलगाड़ी है|
·
इंटरसिटी
एक्सप्रेस – महत्वपूर्ण
शहरों को आपस में जोड़ने के लिए छोटे रूट वाली गाडिया है|
·
एसी
एक्सप्रेस – ये पूर्ण
वातानुकूलित रेलगाड़ी भारत के मुख्य शहरों को आपस में जोडती है | ये भी भारत की सबसे तेज रेलगाड़ियो से
शामिल है जिसकी रफ्तार लगभग 130 किमी प्रति घंटा है|
·
डबल
डेकर एक्सप्रेस – ये भी
शताब्दी एक्सप्रेस की तरह पूर्ण वातानुकूलित दो मंजिला एक्सप्रेस रेल है| ये केवल दिन के समय सफर करती है और
भारत की सबसे तेज रेलों में शामिल है|
·
सुपरफ़ास्ट
एक्सप्रेस – लगभग 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने
वाली गाडिया है|
·
अन्त्योदय
एक्सप्रेस और जन साधारण एक्सप्रेस – पूर्ण रूप से अनारक्षित रेल है|
·
पैसेंजर – हर स्टेशन पर रुकने वाली धीमी
रेलगाड़ियां (40-80 किमी
प्रति घंटा), जो सबसे
सस्ती रेलगाड़ियां होती है|
·
सबअर्बन
रेल – शहरी
इलाको जैसे मुम्बई ,दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, हैदाराबाद, अहमदाबाद, पुणे आदि में चलने वाली रेलगाड़ियां, जो हर स्टेशन पर रुकती है और जिसमे
अनारक्षित सीट होती है|
·
विश्व विरासत रेलगाड़ियां कौन सी हैं ? दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे जो पतली गेज की रेल व्यवस्था है उसे यूनेस्को द्वारा विश्व
विरासत घोषित
किया गया है। यह रेल अभी भी भाप से चलित इंजनों द्वारा खींची जाती है। आजकल यह
न्यू जलपाईगुड़ी से सिलीगुड़ी तक चलती है। इस रास्ते में सबसे ऊँचाई
पर स्थित स्टेशन घूम है।
·
नीलगिरि
पर्वतीय रेल जो
पतली गेज की रेल व्यवस्था है इसे भी विश्व
विरासत घोषित
किया गया है।
·
कालका
शिमला रेलवे जो
पतली गेज की रेल व्यवस्था है इसे भी विश्व
विरासत घोषित
किया गया है।
शायद माल खंड में आईआर के लिए गेम चेंजर नए समर्पित फ्रेट कॉरिडोर हैं जो 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है। जब पूरी तरह से लागू किया जाता है, तो 3300 किमी के आसपास फैले नए कॉरिडोर, लंबाई में 1.5 किमी तक की गाड़ियों के ठहराव का समर्थन कर सकते हैं। 100 किलोमीटर प्रति घंटे (62 मील प्रति घंटे) की गति से 32.5 टन एक्सल-लोड। साथ ही, वे घने यात्री मार्गों पर क्षमता को मुक्त कर देंगे और आईआर को उच्च गति पर अधिक ट्रेनें चलाने की अनुमति देंगे। देश में माल ढाँचे को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त गलियारों की योजना बनाई जा रही है। तो दोस्तों कैसी लगी हमारी रेल यात्रा अगर आपको पसंद आई हो तो लाइक और कम्मेंट जरुर करें हमारा उत्साह वर्धन होगा धन्यवाद अमर पंडित की कलम से.....
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