पोषण Nutrition:- उन सभी क्रियाओं का कुल योग है जो भोजन के अंतर ग्रहण, पाचन, पचे हुए भोजन के अवशेषों और अपेक्षित भोजन के बहिष्कार से संबंधित है | पोषण मुख्यतः दो प्रकार का होता है, {A} सुपोषण jeev अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, जैसे सभी हरे पौधे, कुछ एक कोशिकीय जीवयूग्लीनाप्लेमाइडो मोनाशवालवाक्स , परपोषण जीव अपने भोजन हेतु अन्य जीवो पर निर्भर रहते हैं ,जैसे परजीवी ,मृतोपजीवी तथा कीट आहारी पौधे,| भोजन पोषक पदार्थ है, जो किसी जीव द्वारा वृद्धि कार्य मरम्मत और जीवन क्रियाओं के संचालन हेतु ग्रहण किया जाता है, यह विभिन्न पदार्थों का मिश्रण होता है| जिसकी मात्रा भिन्न भिन्न हो सकते हैं ,भोजन के अवयव कंपोनेंट्स ऑफ फूड:- भोजन के साथ मुख्य अवयव निम्नलिखित हैं ,कार्बोहाइड्रेट, वसा ,प्रोटीन, विटामिंस ,खनिज लवण ,मोटा चाराभोजन में कार्बोहाइड्रेट :-भोजन में पाए जाने वाले कुछ कार्बोहाइड्रेट निम्न है, पौधों की कोशिका भित्ति से पाया जाता है ,कपास एवं कागज शुद्ध सेलुलोस के बने होते हैं, यह ग्लूकोज का बहुलक है, पशुओं जैसे गाय भैंस बकरी, का पाचन होता है, परंतु मनुष्य में इसका पाचन नहीं होता है, शर्करा :-यह मीठा क्रिस्टलीय सफेद जल में घुलनशील पदार्थ है ,मुख्यतः फलों में पाया जाता है, और शर्करा के अतिरिक्त मात्रा यकृत में ग्लूकोज के रूप में, तथा शरीर के अन्य भागों में बसा के रूप में संग्रहित रहती है| यकृत की रुधिर में शर्करा का स्तर नियंत्रित करती है, पादप कोशिकाओं का संबंधित पदार्थ संग्रहित रासायनिक रूप से यह माइलेज एवं एमाइलॉपेक्टिन का मिश्रण है, जिसमें इन का अनुपात 1:4 होता है ,तनु Hcl द्वारा यह ग्लूकोज में घटित हो जाता है, कार्बोहाइड्रेट के स्रोत:- इसके मुख्य स्रोत आलू ,फल, केला, आम, अनाज, चावल, गेहूं, मक्का ,शहर चुकंदर, रोटी ,दूध हैं, कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा लेने से पाचन तंत्र संबंधी रोग हो जाते हैं, कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा लेने से बच्चों में मोटापा हो जाता है| वसा FAT:- वसा वसीय अम्ल एवं दाल से बना योगिक है, जो कार्बन, हाइड्रोजन, एवं ऑक्सीजन का बना होता है, इसमें अत्यधिक कैलोरी होती है और यह आवश्यक वसा अम्लों के मुख्य स्रोत हैं ,1 ग्राम वसा के द्वारा 37 किलो जूल ऊर्जा कैलोरी उत्पन्न होती है| यह जल में विलय होते हैं, जल में हाउविल एवं एसीटोन बेंजीन, क्लोरोफॉर्म आद मिले होते हैं, जंतु से मिली वसा ठोस होती है, जबकि वनस्पति वसा तरल रूप में होती है| जिसे तेल भी कहते हैं, वसा के स्रोत घी, मक्खन, बदाम, पनीर, अंडा , में सोयाबीन और सभी वनस्पति तेल वसा के मुख्य स्रोत हैं |, वर्षा की कमी के कारण वसा में घुलनशील विटामिनओ की भी कमी हो जाती है\ वसा की अत्यधिक मात्रा के सेवन से मोटापा हो जाता है| कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि से हृदय रोग उत्पन्न हो जाता है| प्रोटीन प्रोटीन शब्द जेवर जीनियस ने 1930 में प्रतिपादित किया था प्रोटीन अमीनो अम्ल का बहुलक है| प्रोटीन कार्बन हाइड्रोजन एंड ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन से बना होता है| कुछ प्रोटीनओं में गंधक फास्फोरस भी पाया जाता है| प्रोटीनओ के लगभग 20 प्रकार के अमीनो अम्ल पाए जाते हैं |प्रोटीन के स्रोत:- प्रोटीन ओं के मुख्य स्रोत डाली मछली, अंडा ,पत्तेदार सब्जियां, दूध ,फल, सोयाबीन, मटर ,सेम, पनीर, दही, आदि हैं| प्रोटीन की कमी से बच्चों में सूखा रोग एवं क्वासर्कोर रोग उत्पन्न हो जाता है| विटामिंस:-विटामिन शब्द फंक ने प्रतिपादित किया था इन्हें इनकी घुलनशील ता के आधार पर दो भागों में विभाजित किया जाता है| [1]जल में घुलनशील विटामिन जैसे विटामिन बी कांप्लेक्स विटामिन सी[2] वसा में घुलनशील विटामिन जैसे विटामिन एविटामिन बी विटामिन ए विटामिन के खनिज लवण धातु एवं उनके लवण खनिज लवण कहलाते हैं |यह हमारे शरीर का लगभग 4% भाग बनाते हैं| खनिज लवण दो प्रकार के होते हैं| [1] वृहत्तर पोशाक :-इन तत्वों की शरीर को अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है, उदाहरण C,A.P ,k Nacl औरMg Ca ऑक्सीजन मैग्नीशियम आदि| [2]सूक्ष्म पोषक:- इन तत्वों को शरीर को बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है, उदाहरण के लिए आयरनफेरस सल्फेट| जल वाटर:- यह एक कार्बनिक पदार्थ है, मानव शरीर में लगभग 65 से 70 प्रतिशत जल होता है यह पसीने एवं वाष्पन द्वारा शरीर का ताप नियंत्रित करता है, यह पाचन परिवहन एवं उत्सर्जन में सहायक है, इसके मुख्य स्रोत उपा पचाई जल तरल भोजन और पीने का जल है, इसकी कमी से निर्जलीकरण डिहाइड्रेशन हो जाता है| इस पोस्ट में हमने पोषण संबंधित कुछ विशेषताओं की चर्चा और परख की है , यह पोस्ट आपको कैसी लगी कृपया कमेंट जरूर करें l
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