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इंटरनेट क्या है?,what is Internet?,internet kya hai?


                                इंटरनेट क्या है?                                  यदि बहुत ही सरल शब्दों में कहा जाए तो इंटरनेट समस्त पृथ्वी पर फैला हुआ तारों का एक गुच्छा है | जिसके द्वारा असंख्य कंप्यूटर एक दूसरे से जोड़े जा सकते हैं, और वे आपस में सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकते हैं| भारत में इंटरनेट की सुविधा  विदेश संचार निगम या संक्षेप में कहें तो बीएसएनल द्वारा दी जाती है | पर अनेक ऐसी कंपनियां भी खुल गई हैं जो कि आपको अपने शहर में ही इंटरनेट की सेवा अपने कंप्यूटरों द्वारा दे सकती हैं, ऐसी कंपनियों को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कहा जाता है, और उनके उस सेवा प्रदान करने वाले कंप्यूटर को सर्वर कहा जाता है,यह कंपनियां आपसे सेवा शुल्क लेकर आपको ईमेल तथा वेबसाइट बनाने की सुविधा देती हैं, दिस नेट, एचसीएल, इन्फिनेट मंत्रा, ऑनलाइन वॉच, सत्यम ऑनलाइन, ऐसी कंपनियों के उदाहरण हैं.                                                             इंटरनेट की विशेष बात यह है कि इसमें पारस्परिक संपर्क करने की भाषा के मापदंड पूरी तरह से स्थापित किए जा चुके हैं, और कोई भी कंप्यूटर जो उस भाषा में संपर्क कर सकता है इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है इसलिए अनेक प्रकार के कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़े हुए हैं, इन कंप्यूटरों में प्रचुर मात्रा में अनेक प्रकार की ज्ञानवर्धक सामग्री भरी पड़ी हैं, जिसको आप अपने कंप्यूटर द्वारा घर पर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं और लाभ उठा सकते हैं l.                                         वेबसाइट:- सरल भाषा में किसी व्यक्ति या संस्था की वेबसाइट उसके उत्पाद या दी जाने वाली सेवाओं का इंटरनेट पर एक ऐसा शोरूम है जिसे कोई भी व्यक्ति कभी भी देख सकता है, आपकी वेबसाइट आपको इंटरनेट की सेवा देने वाले सरवर कंप्यूटर पर स्थापित की जा सकती है, यह कार्य सामान्यतः विशेषताओं द्वारा किया जाता है, वेबसाइट में लोग अपने उत्पादों आज की बहुत आकर्षक व रोचक ढंग से प्रस्तुति करते हैं ,सरवर तो हर समय इंटरनेट से जुड़ा रहता है इसलिए किसी भी वेबसाइट को कोई भी व्यक्ति इंटरनेट द्वारा खोल कर देख सकता है l.                                                 Email:-. इंटरनेट पर जुड़े या जोड़े जा सकने वाले कंप्यूटरों का पत्र व्यवहार में उपयोग का प्रचलन बहुत बढ़ गया है, इसे इलेक्ट्रॉनिक मेल या संक्षेप में ईमेल कहा जाता है ,इसे इलेक्ट्रॉनिक में लिया संक्षेप में ईमेल कहा जाता है, इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि दिया हुआ समाचार तुरंत ही गंतव्य स्थान पर पहुंच जाता है ,यह ईमेल की प्रणाली लगभग डाक सेवा की तरह ही कार्य करती है, इंटरनेट सेवा देने वाला आपको एक अद्वितीय ईमेल पता देता है जिसके द्वारा आप इस पत्र व्यवहार कर सकते हैं, इस पते के दो भाग होते हैं और दोनों भागों के बीच में @ अक्षर होता है, नामों के बीच में रिक्त स्थान नहीं होता है इसके लिए चिन्ह का प्रयोग किया जाता है इसके अतिरिक्त आपका इंटरनेट सर्विस देने वाला आपको अपने सर्वर पर 56  मेगा बाइट का स्थान आपकी ईमेल के लिए सुरक्षित कर देता है, यह आपक लेटर बॉक्स की तरह काम करता है, आपकी आने वाली डाक इसमें संचित होती रहती हैं, जिसे आप जब चाहे तब खोल कर देख सकते हैं और उत्तर देने वाला वह भेजा जाने वाला संदेश आपके सर्वत पर जाकर वहां से तुरंत इंटरनेट द्वारा गंतव्य स्थान को भेज दिया जाता है, जहां वह प्राप्तकर्ता के ईमेल के प्रणाली द्वारा आप के लेटर बॉक्स में जाकर संचित हो जाता है | इस प्रणाली द्वारा आप टेलीफोन के लोकल कॉल के खर्च पर पूरी दुनिया भर में संदेश भेज सकते हैं l.                                                   इंटरनेट से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द:-.                    Auto dial:- कंप्यूटर में लगे मॉडर्न द्वार द्वारा सतत टेलीफोन न0 मिलाने की प्रक्रिया को ऑटो डायल कहते हैं,  करनैल:- यह रक्षक और निर्देशक होता है ऑपरेटिंग सिस्टम का यह हिस्सा केंद्रीय संसाधन यूनिट में होने वाले कामों का निर्देशन करता है, तथा डाटा में सुरक्षित रखता है ,सेल:- इसका निर्माण अनेक प्रोग्रामों से मिलकर होता है ,जरूरत पड़ने पर यह मेमोरी में प्रोग्राम को बुलाता है, तथा उसे संचालित भी करता है,     एसएस:- टाइम अपने मेमोरी में जमा डाटा को कंप्यूटर द्वारा पढ़ने में लगा समय एसएस टाइम कहलाता है | श्रव्य दृश्य:- वे सूचनाएं जिनको हम प्रिंट नहीं कर सकते हैं, केवल देखि या सुन सकते हैं, ऑटो लोन:- किसी प्रोग्राम का कंप्यूटर की मेमोरी में स्वता ही स्थापित हो जाना ऑटोलोड कहलाता है |      बैंडविथ :-डाटा कम्युनिकेशन के समय प्रयोग की जाने वाली आवृत्ति की उच्चतम सीमा और न्यूनतम सीमा में जो अंतर होता है उसे बैंडविथ कहते हैं, डिजिटल डाटा:- यह डाटा जो सिर्फ 0 और 1 द्वारा प्रदर्शित होता है  |                डॉक्यूमेंट रीडर:-जो कागज पर लिखा टेक्स्ट पढ़ने की क्षमता रखता है, जैसे OCR और OMR फाइबर ऑप्टिक डाटा ट्रांसमिशन का एक माध्यम जो कांच प्लास्टिक से मिलकर बना होता है, इसमें डाटा स्थानांतरण की गति प्रकाश की गति के बराबर होती है, टेलीनेट:- एक बृहत कंप्यूटर नेटवर्क जिसमें कंप्यूटर जोड़े जा सकते हैं डोमेन नेम :-व्यवस्था इंटरनेट के माध्यम से इंटरनेट के संख्याओं को शब्दों में बदलने की प्रणाली जिसमें प्रयोग करता के नाम और पते रहते हैं, सिंगर :-यह चोरी को रोकने वाला एक सॉफ्टवेयर होता है, इसके द्वारा आप पता लगा सकते हैं कि इंटरनेट का प्रयोग कोई दूसरा व्यक्ति तो नहीं कर  रहा है, इसके अतिरिक्त ईमेल का पता ढूंढने में भी help करता है | आईपी:-आईपी इंटरनेट प्रोटोकोल एक ऐसी कसौटी है जिसमें यह निर्धारित होता है कि इंटरनेट पर डाटा कैसे भेजा जा सकता है इसके साथ ही संदेशों के रूप में डाटा की पहचान भी इसी से होती है, IRC:- आईआरसी का अर्थ है इंटरनेट रिले चाट इस सुविधा के अंतर्गत आप इंटरनेट पर कीबोर्ड के जरिए बहुत दूर बैठे व्यक्ति से बातचीत कर सकते हैं, प्रोटोकॉल:-इंटरनेट के नियमों की एक व्यवस्था है l गोफर:- या एक समाधान करने वाला प्रोग्राम है इसे खोजक प्रोग्राम भी कहते हैं, यह एक ऐसा प्रावधान है जिसके अंतर्गत कंप्यूटरों के मध्य फाइलों की अदला बदली होती है, STP :-इसका पूरा नाम है फाइल ट्रांसफर सिस्टम फोटो कॉल,या एक ऐसा प्रावधान है जिसके अंतर्गत कंप्यूटरों के मध्य फाइलों की अदला बदली होती है|                                                        दोस्तों यह ब्लॉक आपको कैसा लगा इस ब्लॉग में इंटरनेट संबंधित सभी  जानकारियां आप तक पहुंचाई जा रही हैं धन्यवाद l

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